चैत्र माह में आने वाली सोमवती अमावस्या जिसका वैदिक पंचांग के अनुसार बहुत महत्व है, आने वाली है 8 अप्रैल 2024 को। अगर आप सोमवती अमावस्या स्नान दान करते हैं, तो आने वाले सोमवार को ये स्नान दान का दिन आ रहा है। अगर आप अभी सोमवती अमावस्या के शुभ प्रभावों से जानकार नहीं हैं, तो ये आर्टिकल आपके पढ़ने योग्य है।
सोमवती अमावस्या का महत्व
चैत्र माह में पड़ने वाली सोमवार के दिन अमावस्या को किआ गया नहान अथवा स्नान बहुत फलदायी होता है। यही कारण है की हिन्दू धर्म में, हज़ारों की संख्या में लोग सोमवती अमावस्या के स्नान के लिए किसी न किसी नदी जैसे हरिद्वार में गंगा तट पर एकत्रित होते हैं। गंगा में स्नान के बाद किया गया दान असंख्य गुना बढ़ कर फल देता है। तो आने वाली 8 अप्रैल को आप भी पा सकते हैं, इस सोमवती अमावस्या के स्नान दान से पुण्य फल।
क्या होती है सोमवती अमावस्या
अमावस्या के बारे में तो हम सब जानते ही है, जो की हर माह आती है, लेकिन जब अमावस्या सोमवार के दिन आये तो उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। 8 अप्रैल को आने वाली सोमवती अमावस्या सुबह 8:21 बजे से लग जाएगी। इसलिए इस समय के बाद ही स्नान करे। सोमवती अमावस्या के दिन ब्रह्म काल के मुहूर्त में हिन्दू पवित्र नदियों में किआ गया स्नान बहुत फलदायी होता है। विधान के अनुसार, स्नान के बाद दान करना भी बहुत अच्छा माना जाता है। कहा जाता है की सोमवती अमावस्या को माता पारवती और महादेव की व्रत रख कर पूजा की जाती है। इस पूजा के प्रभावानुसार दाम्पत्य जीवन का सुख मिलता है अथवा किसी भी प्रकार की दाम्पत्य सुख में अड़चन दूर हो जाती है।
सोमवती अमावस्या की पूजा के विधि विधान को जानने अथवा पूजा करवाने के लिए एक वैदिक ज्योतिष के ज्ञाता से सम्पर्क करना बहुत अच्छा होगा। आज ही मिलें, एक अच्छे पूजा पद्यति के ज्ञाता से।
जानें सही समय आने वाली सोमवती अमावस्या का
चैत्र के महीने में पड़ने वाली सोमवती अमावस्या आज से चार दिन बाद अर्थात 8 अप्रैल को है। सुबह 8:21 बजे से शुरू हो कर रात को 11:50 बजे तक सोमवती अमावस्या लगी रहेगी। आने वाली सोमवती अमावस्या को इंद्र योग भी बन रहा है। इंद्र योग सोमवती अमावस्या के दिन 6:40 शाम तक होगा। और स्नान का शुभ मुहूर्त 4:55 सुबह से 6:30 सुबह तक रहेगा। इसलिए इसी समय के दौरान आप स्नान करें और इस शुभ दिन का अधिकतम फल पाएं।
सोमवती अमावस्या और सूर्य ग्रहण - एक ही दिन
आने वाली सोमवती अमावस्या को सूर्य ग्रहण भी लगेगा। इसका अर्थ है की दो तरह का स्नान फल एक साथ पा सकेंगे आप। लेकिन इन दोनों मुहूर्तों के एक साथ आना, कुछ अच्छे और कुछ बुरे प्रभावों को ला सकता है। जिसके लिए आप नीचे दिए आध्यात्मिक उपायों को ध्यान में रखें अथवा एक अच्छे ज्योतिष शास्त्री के संपर्क कर हिंदी अथवा अंग्रेजी में पूरी ऑनलाइन रिपोर्ट पाएं।
सोमवती अमावस्या को किये जाने वाले विशेष कार्य - घर की शांति एवं समृद्धि के लिए
हिन्दू धर्म के अनुसार, सोमवती अमावस्या के दिन पूजा पाठ एवं धार्मिक कार्य करने बहुत शुभ फलदायी होगा है। कुछ ख़ास उपाय करके आप अपने घर में सुख शांति एवं खुशियां ला सकते है। इसके अतिरिक्त, इस दिन किया जाने वाला उपाय पितृ दोष को दूर करता है। जानिए उपाय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यहाँ –
1. सोमवती अमावस्या को पवित्र नदी में स्नान बहुत ही अधिक फलदायी तथा शुभ माना जाता है। स्नान के बाद नदी में पितृ तर्पण ज़रूर करें, क्योंकि ऐसा करने से पितृ दोष दूर होते हैं, तथा उनसे आशीर्वाद मिलता है। तो यदि आपकी कुंडली में किसी भी कारण पितृ दोष है , तो ये स्नान आप ज़रूर करें और पितृ दोष के बुरे प्रभावों को कम करें।
2. शाम को इस दिन ईशान कोने में घी का दिया जलाएं। और ये घी गाय का हो तो बहुत अच्छा है। ध्यान रखें की दिए में घी कम न हो। ये उपाय घर की शांति और घर में सकारात्मकता लाने में मदद करता है। ये उपाय लक्ष्मी माँ को भी प्रसन्न करता है। और घर में धन, धान्य, वैभव में वृद्धि करता है।
3. सोमवती अमावस्या के दिन भगवन शिव और समस्त शिव परिवार तथा माँ लक्ष्मी को खीर का भोग लगाना बहुत शुभ होता है। ये उपाय जीवन को शांति तथा समृद्धि से भर देता है। और देवताओं का आशीर्वाद दिलाता है।
4. इस दिन स्नान के बाद नदी में रहने वाली मछलियों को आटे की गोलियां डालें। ये उपाय हर तरह की नकारात्मकता को दूर करने में मददगार है।
इस तरह आप देख सकते हैं की सोमवती अमावस्या का हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्व है। तो आने वाली 8 अप्रैल की सोमवती अमावस्या को शुभ फलदायी बनाने के लिए उपर दिए उपाय ज़रूर करे। तथा अपने कुंडली के अनुसार इस दिन क्या करें अथवा क्या ना करें इसे जानने के लिए, ज्योतिषशास्त्रके जानकार से सम्पर्क करें।
Source:- https://vinaybajrangitodaypanchang.wordpress.com/2024/04/06/somvati-amavasya-2024/
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